काढा के बारे मे संपूर्ण ज्ञान .
क्वाथ / काढा क्या होता है? लोह आदि धातु से निर्मित किसी पात्र या बर्तन मे औषधियो को कूट कर उसमे एक निश्चित मात्रा(16 गुणा ) मे जल मिलाकर उसे मन्द मन्द अग्नि पर पकाते है जब जल एक निश्चित मात्रा(1/8 भाग या 1/4 भाग) तक शेष रह जाता है तब उसे अग्नि से उतार कर छान लेते है इस विशेष प्रक्रिया के माध्यम से निर्मित जलीय विलयन को ही क्वाथ या काढा कहते है | क्वाथ या काढा औषधियो का जल मे घुलनशील विलयन होता है इसके माध्यम से औषधियो मे उपस्थित जल मे घुलनशील तत्व अग्नि के संयोग से जल मे आ जाते है क्वाथ या काढा अधिका श ऐसे द्रव्यो का बनाया जाता है जो की शुष्क होते है | क्वाथ का सेवन हमेशा गुनगुने रूप मे ही करना चाहिये | क्वाथ या काढे का सेवन हमेशा आहार रस के पाक हो जाने के बाद ही करना चाहिये अर्थार्त भोजन पच जाने पर ही औषधि देनी चाहिये | कहा भी गया है कि दवा के पच जाने पर ही आहार करना चाहिये या आहार के पचने पर दवा लेनी चाहिये नही तो विकार उत्पन्न होते है| बात करे क्वाथ या काढे कि मात्रा की जो की सेवन करनी चाहिये वो होती है 2 पल अर्थार्त लगभग 100 ml. ये पुरी मात्रा 24 घण्टे मे लेनी चाहिये ...